हरिद्वार, 5 अगस्त। पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही भारी बरसात के चलते हरिद्वार में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। भीमगोडा बैराज पर सवेरे चेतावनी जल स्तर 293.10 मीटर रिकॉर्ड किया गया। जबकि खतरे का निशान 294 मीटर है। इसके बाद जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी अधीनस्थ अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिये है। ताकि समय रहते खतरे से बचा जा सकें। डीएम लगातार हो रही बरसात को देखते हुए नदियों के जल स्तर, बरसात और जल भराव पर पैनी नजर बनाये हुए है। उन्होंने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को फील्ड में बने रहने और बाढ चौकियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये है। वहीं आम नागरिकों से भी नदी तटीय इलाकों से दूर रहने व निर्धारित स्थानों पर ही स्नान करने की अपील की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बरसात इसी तरह जारी रही तो गंगा का जलस्तर और बढ़ सकता है। यूपी सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी गंगा के जल स्तर पर नजर बनाए हुए हैं।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर हरिद्वार समेत अन्य शहरों में भारी बरसात की सम्भावना जताते हुए येलो अलर्ट घोषित करने पर डीएम के आदेश पर मंगलवार को जनपद के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्र, शासकीय, अर्द्धशासकीय, सरकारी सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालय बन्द रहे।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि विभाग के सभी अधिकारी अलर्ट पर हैं। यूपी और उत्तराखंड दोनो राज्यों के सिंचाई विभाग के अधिकारी मॉनीटर कर रहे हैं। टिहरी डैम और अलकनंदा डैम के अधिकारियों के साथ भी समन्वय बनाकर जल छोड़े जाने और रोकने की जानकारी ली जा रही है।
यूपी सिंचाई विभाग के एसडीओ भारत भूषण ने बताया कि पर्वतीय और मैदानों क्षेत्रों में दो दिनों लगातार हो रही बारिश से जलस्तर बढ़ना स्वाभाविक है। वर्ततान में गंगा चेतावनी स्तर से ऊपर और खतरे के निशान से नीचे है। 1 लाख 51 हजार कयूसेक जल डिस्चार्ज हो रहा है। जिला प्रशासन और डीडीएमओ से निरंतर संपर्क बनाया गया है। प्रति घंटे वाटर लेवल और डिस्चार्ज की सूचना दी जा रही है। सभी बैराज को भी वाटर लेवल की जानकारी दी जा रही है। तटबंधों की निगरानी की जा रही है। सभी तटबंध सुरक्षित हैं। डयूटी प्वाइंट पर भी वाटर लेवल की निगरानी की जा रही है। कंट्रोल रूम चौबीस घंटे लगातार सक्रिय है।

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