विश्व हिपेटाइटिस दिवस पर इएमए ने किया संगोष्ठी का आयोजन
लीवर में सूजन आने से होता है हिपेटाइटिस-डा.केपीएस चौहान
हरिद्वार, 28 जुलाई। इएमए के तत्वावधान में बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड कैंसर रिसर्च सेंटर अलीपुर में विश्व हिपेटाइटिस दिवस पर यकृतशोथ सहित लीवर रोगों के प्रति जागरूकता, निदान एवं चिकित्सा विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी में वक्ताओं ने यकृत से जुड़ी विभिन्न बीमारियों के कारण, बचाव एवं इलाज पर अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर डा.केपीएस चौहान ने कहा कि यकृत मे सूजन आने को हिपेटाइटिस कहते हैं। यह वायरस के संक्रमण से होता है। हिपेटाइटिस तीन प्रकार का होता है। हिपेटाइटिस ए, हिपेटाइटिस बी, और हिपेटाइटिस सी। इनमें से हिपेटाइटिस बी अधिक संक्रामक एवं फैलने वाला होता है। इसमें रोगी में भूख की कमी, पेट, चेहरे व पैरों पर सूजन आ जाती है। त्वचा का पीला पड़ना, आंखों में पीलापन आना, मूत्र पीले रंग का आना, शारीरिक कमजोरी, थकावट, जी मिचलाना, वमन आना, आदि लक्षण दिखाई देते हैं। हिपेटोमैगेली, यकृतशोथ, सिरोसिस आफ लीवर, लीवर सिस्ट, ट्यूमर इन लीवर, लीवर का बढ़ना, कार्सिनोमा आफ लीवर आदि लीवर से जुड़े प्रमुख रोग हैं। शराब अधिक और लगातार पीने से भी लीवर खराब होता है। डा.चौहान ने कहा कि अधिक स्पाइसी फ़ुड, शराब के सेवन से परहेज़ करना चाहिए। लीवर रोग झाड़ फूंक से कभी ठीक नहीं होगा। व्यक्ति को अपने दैनिक भोजन में पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रोकली, नींबू पानी, हल्दी, लहसुन, चुकंदर, गाजर, सेब, अखरोट का उपयोग करने से कभी लीवर रोग नही होगा। डा.चौहान ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) एंड रैटिनल स्केनिंग डायग्नोसिस से लीवर रोग का होने से पूर्व ही पता चल जाता है। यकृत रोगों में इएच एडवांस सपेजरिक मेडिसिन- लिवोम अत्यधिक प्रभावशाली है। संगोष्ठी में डा.वीएल अलखनिया, डा.ऋचा आर्या, डा.हीना कुशवाहा, एमटी अंसारी, डा.अमरपाल अग्रवाल, डा.बीपबीप कुमार, डा.हरबंश सिंह, अशोक कुशवाहा, डा.गुलाम साबिर, डा.चांद उस्मान, डा. अर्सलान, डा.आदेश शर्मा, डा.सुरेंद्र कुमार, डा.सुबोध चौहान, रुद्राक्षी, संतोष सिसोदिया आदि ने भी विचार रखे।
2025-07-28