मसूरी
मसूरी में एमपीजी कॉलेज में प्राचार्य और शिक्षकों के खिलाफ सोशल मीडिया में की गई अभ्रद टिप्पणी
मसूरी म्युनिसिपल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा कॉलेज के प्राचार्य और वरिष्ठ शिक्षिका डॉक्टर शालिनी गुप्ता के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के कार्यों को अवरोध किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की गई जिस से कॉलेज प्रबंधन में काफी आक्रोश है कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अनिल सिंह चौहान और वरिष्ट शिक्षिका डॉक्टर शालिनी गुप्ता ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से पता लगा है कि किसी करण कसाना नाम के व्यक्ति द्वारा कालेज के प्राचार्य और शालिनी गुप्ता पर राष्ट्रीय मूल्यांकन एंव प्रत्यायन परिषद के कार्यों को पूरा करने को लेकर शिक्षकों और कर्मचारियों के उत्पीड़न के साथ कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) को लेकर मसूरी एमपीजी कॉलेज के द्वारा आईआईक्यू, एसएसआर और डीवीबी के कार्यो को सफलतापूर्वक कर लिया है उन्होंने कहा कि 27 दिसंबर को नेक प्रीयर टीम के प्रतिनिधि का कॉलेज का निरीक्षण है जिसको लेकर कॉलेज का समस्त स्टाफ एकजुटता के साथ कार्य कर रहा है लेकिन कुछ असामाजिक तत्व नेट के कार्यो को बाधित करने का प्रयास कर रहे है उन्होंने कहा कि कालेज के सभी स्टाफ और शिक्षकों की ड्यूटी बनती है कि सभी मिलजुल कर नेट जैसे गंभीर विषय को संवेदनशील तरीके से करें जिससे कि नेट की मान्यता कॉलेज को मिल जाए और कॉलेज के विकास के साथ छात्रों को भी शिक्षा की बेहतर सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में कॉलेज और शिक्षकों के खिलाफ की गई अभ्रद टिप्पणी को लेकर उनके द्वारा आईटी सेल, मसूरी कोतवाली वह स्थानीय प्रशासन से शिकायत कर असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
डॉ शालिनी गुप्ता ने बताया कि सोशल मीडिया में लिखा गया है कि उनके द्वारा शिक्षकों और स्टाफ से नेट के नाम पर दिन-रात काम कराया जा रहा है और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है जो कि बेबुनियाद आरोप है।
उन्होंने कहा कि वह किसी से जबरदस्ती काम नहीं करा रही हैं उन्होंने कहा कि जो नेट का काम किया जा रहा है वह महाविद्यालय के परिवार और छात्र-छात्राओं के लिए हो रहा है उन्होंने कहा कि नेट को सभी कॉलेज में ऑल ओवर इंडिया करना अनिवार्य है यह सिर्फ मसूरी में नहीं पूरे देश के कॉलेज के लिए लागू है उन्होंने कहा कि नेट का सीधा असर महाविद्यालय की गुणवत्ता और स्थानीय छात्रो के भविष्य से संबंधित है लेकिन बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कोई असामाजिक व्यक्ति द्वारा कॉलेज के खिलाफ षडयंत्र रचकर उनके मनोबल को तोड़ने का काम किया जा रहा है । उन्होने कहा कि उनके द्वारा इसकी शिकायत शासन प्रशासन और साइबर क्राइम व स्थानीय पुलिस से की है और असामाजिक तत्व के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।